Search This Blog

Monday 27 April 2015

त्रासदी

न करना मेरे मालिक ,
अब और मत करना ,
देखा नहीं जाता
सिसकियों का
खंडहरों में
दब के रह जाना,
चहकते बसेरों का
पल में
जमीदोंज हो जाना,
न करना
अब और मत करना..... ,

No comments:

Post a Comment